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मुंशी प्रेमचंद की Khaniyan 9.0

10 MB / 10K+ Downloads / Rating 5.0 - 1 reviews


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मुंशी प्रेमचंद की Khaniyan, developed and published by Ghanshyam Sahu, has released its latest version, 9.0, on 2024-01-04. This app falls under the Books & Reference category on the Google Play Store and has achieved over 10000 installs. It currently holds an overall rating of 5.0, based on 1 reviews.

मुंशी प्रेमचंद की Khaniyan APK available on this page is compatible with all Android devices that meet the required specifications (Android 7.0+). It can also be installed on PC and Mac using an Android emulator such as Bluestacks, LDPlayer, and others.

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App Details

Package name: com.munshipremchand.sonusahu

Updated: 1 year ago

Developer Name: Ghanshyam Sahu

Category: Books & Reference

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Installation Instructions

This article outlines two straightforward methods for installing मुंशी प्रेमचंद की Khaniyan on PC Windows and Mac.

Using BlueStacks

  1. Download the APK/XAPK file from this page.
  2. Install BlueStacks by visiting http://bluestacks.com.
  3. Open the APK/XAPK file by double-clicking it. This action will launch BlueStacks and begin the application's installation. If the APK file does not automatically open with BlueStacks, right-click on it and select 'Open with...', then navigate to BlueStacks. Alternatively, you can drag-and-drop the APK file onto the BlueStacks home screen.
  4. Wait a few seconds for the installation to complete. Once done, the installed app will appear on the BlueStacks home screen. Click its icon to start using the application.

Using LDPlayer

  1. Download and install LDPlayer from https://www.ldplayer.net.
  2. Drag the APK/XAPK file directly into LDPlayer.

If you have any questions, please don't hesitate to contact us.

Reviews

5 ★, on 2021-02-07
Very nice

4 ★, on 2021-01-13
Very good

4 ★, on 2021-02-07
Nice Books

Previous Versions

मुंशी प्रेमचंद की Khaniyan 9.0
2024-01-04 / 10 MB / Android 7.0+

मुंशी प्रेमचंद की Khaniyan 4.0
2024-01-08 / 9 MB / Android 4.4+

About this app

मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को लमही (वाराणसी, उत्तर प्रदेश) में एक कायस्थ परिवार में हुआ था. मुंशी जी के पिता मुंशी अजायबराय डाकखाने में क्लर्क थे और माता का नाम आनन्दी देवी था. प्रेमचंद को मानशिक झटके बचपन से ही मिलने शुरू हो गये थे, उनकी 6 वर्ष की अवस्था में माता जी का स्वर्गवास हो गया, उनका विवाह मात्र पंद्रह वर्ष की उम्र में कर दिया गया और सोलह वर्ष के होने पर उनके पिता का भी देहांत हो गया था.

मुंशी प्रेमचंद का साहित्य उनके बचपन पर आधारित था क्योंकि उन्होंने "सौतेली माँ का व्यवहार, बाल विवाह, किसानों और क्लर्कों का दुखी जीवन, और धार्मिक कर्मकांड के साथ साथ पंडे-पुरोहितों का कर्मकांड अपनी किशोरावस्था में ही देख लिया था. यही अनुभव आगे चलकर उनके लेखन का विषय बन गया.

उनके लेखन में किसानों की आर्थिक बदहाली, धार्मिक शोषण (गोदान), बाल विवाह (निर्मला), छूआछूत, जाति भेद (ठाकुर का कुआँ),विधवा विवाह, आधुनिकता, दहेज प्रथा, स्त्री-पुरुष समानता सब कुछ देखने को मिलता है.

मुंशी प्रेमचंद का दूसरा विवाह शिवरानी देवी से हुआ जो बाल-विधवा थीं. इस विवाह से उनके तीन संतानें हुईं जिनके नाम हैं; श्रीपत राय, अमृत राय और कमला देवी श्रीवास्तव.

सन 1898 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे एक स्थानीय विद्यालय में शिक्षक नियुक्त हो गए थे. इसके बाद उन्होंने पढाई जारी रखते हुए 1910 में दर्शन, फ़ारसी, अंग्रेज़ी, और इतिहास लेकर इंटरमीडिएट पास की और 1919 में फ़ारसी, इतिहास और अंग्रेज़ी विषयों से बी. ए. किया और बाद में शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त हुए थे.

उन्होंने गाँधी जी के आवाहन पर 1921 ई. में असहयोग आंदोलन में भाग लेने के लिए इंस्पेक्टर के पद से त्याग पत्र दे दिया था इसके बाद लेखन को अपना फुल टाइम व्यवसाय बना लिया था.

प्रेमचंद, 1933 में फिल्म नगरी मुंबई भी गये थे जहाँ मोहनलाल भवनानी के ‘सिनेटोन’ कंपनी में कहानी लेखक के रूप में काम करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया लेकिन यह काम रास नहीं आया और दो महीने का वेतन छोड़कर बनारस लौट आए. उनका स्वास्थ्य निरंतर बिगड़ता गया और लम्बी बीमारी के बाद 8 अक्टूबर 1936 को हिंदी साहित्य का यह सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो गया.

मुंशी प्रेमचंद का साहित्यिक जीवन:

मुंशी प्रेमचंद का पहला 'पेन नाम' उनके चाचा महावीर ने 'नवाब राय' रखा था. इसके बाद ‘सोजे वतन’ कहानी संग्रह पर अंग्रेजी सरकार द्वारा रोक लगाने के बाद मुंशी जी ने प्रेमचंद के नाम से लिखना शुरू किया और बहुत प्रसिद्धि पायी.

प्रेमचंद ने जी कुछ लिखा वो हिंदी साहित्य में स्वर्ण अक्षरों में हमेशा के लिए अंकित हो गया है.

मुंशी प्रेमचंद की प्रमुख कहानियों की सूची:-

1. आत्माराम

2. दो बैलों की कथा

3. आल्हा

4. इज्जत का खून

5. इस्तीफा

6. ईदगाह

7. कप्तान साहब

8. कर्मों का फल

9. क्रिकेट मैच

10. कवच

11. क़ातिल

12. कोई दुख न हो तो बकरी खरीद ला

13. गैरत की कटार

14. गुल्‍ली डण्डा

15. घमण्ड का पुतला

16. ज्‍योति

17. जेल

18. जुलूस

19. झांकी

20. ठाकुर का कुआं

21. त्रिया-चरित्र

22. तांगेवाले की बड़

23. दण्ड

24. दुर्गा का मन्दिर

25.पूस की रात

26. बड़े घर की बेटी

27. बड़े बाबू

28. बड़े भाई साहब

29. बन्द दरवाजा

30. बोहनी

31. मैकू

32. मन्त्र

33.सौत

34. नमक का दरोगा

35.सवा सेर गेहुँ

36.कफ़न

37.पंच परमेश्वर

मुंशी प्रेमचंद के प्रमुख उपन्यासों की सूची:-

1.रूठी रानी

2.वरदान

3. सेवा सदन

4. प्रेमाश्रम

5. रंगभूमि

6. निर्मला

7. प्रतिज्ञा

8. कर्मभूमि

9. गबन

11. मंगलसूत्र (अधूरा) जो कि बाद में उनके पुत्र ने पूरा किया था.

इस प्रकार हिंदी साहित्य का यह कांतिमय लेखक 1880 से लेकर 1936 तक हमारे बीच रहकर साहित्य रुपी कई मोती इस पीढ़ी को भेंट करके सदा के लिए अस्त हो गया है. उम्मीद है कि इस लेख को पढने के बाद आपको मुंशी प्रेमचन्द के बारे में बहुत सी नयी जानकारियां मिली होंगी.

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You will find Munshi Premchand all stories in this application.

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